लेखनी प्रतियोगिता - पापा -16-Jun-2024
पापा
पापा एक शक्तिशाली व्यक्तित्व कि निशानी है ,
पापा बच्चों कि खुशियों का खजाना है,
पापा है तो समस्त संसार हमारा है,
दुनियां कि सारी ताकत उनके आगे फिकी है l
गलती करने पर केवल पापा का डर ही बहुत है,
उनके जाने के बाद मस्ती का पिटारा खोलना,
सारे दोस्तों का घर पर जमघट लगाना,
पापा के राज का संसार अनोखा है l
सच में बचपन का राज तो पापा के जमाने में है,
बड़े होने के बाद तो जम्मेदारी में उलझन ही है,
अब सोचते है कैसे उन अभावों में हमे पाला था,
उनके राज में जग का सारा खज़ाना हमारा था।
काश हम आज फिर बच्चे बन जाएं ,
पापा के सर चढ़ इठलाएं ,
उनकी अंगुली पकड़ सीना चौड़ा कर चले ,
उनकी लाई साईकिल पर हवाई यात्रा सा मजा ले।
कभी अहसास नहीं होने दिया आर्थिक कमियों का,
भूले नहीं नई किताबों कॉपियों पर कवर चढ़ाना उनका,
याद है हमें भी स्कूल में कुल्फी के लिए पैसे देने का,
हमे साईकिल सीखने के लिए खुद पैदल संग संग दोडने का ।
पापा का संसार अनोखा हैं,
पापा से समस्त संसार हमारा हैं ।।
विजय पोखरणा "यस"
अजमेर